कोर्ट में गवाहों की सुरक्षा: यह क्यों जरूरी है और इसके उपाय क्या करने चाहिए(Witness protection in court: Why is it important and what measures should be taken)
परिचय
गवाहों की सुरक्षा न्याय प्रणाली का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यदि गवाह सुरक्षित नहीं होते, तो वे सच्चाई को बताने से डर सकते हैं, जिससे न्याय में बाधा उत्पन्न होती है। भारत में, गवाहों की सुरक्षा के लिए कुछ कानूनी प्रावधान उपलब्ध हैं, लेकिन अभी भी कई चुनौतियां बनी हुई हैं।
गवाहों की सुरक्षा क्यों जरूरी है?
- गवाहों पर दबाव और धमकी का प्रभाव
- न्याय प्रक्रिया में निष्पक्षता बनाए रखना
- अपराधियों को दंडित करने में सहायता
- न्याय प्रणाली में जनता का विश्वास बढ़ाना
भारत में गवाह सुरक्षा का कानूनी ढांचा
भारत में गवाहों की सुरक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण कानूनी प्रावधान निम्नलिखित हैं:
- गवाह संरक्षण योजना, 2018: यह योजना गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाई गई थी।
- भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872: गवाहों के अधिकारों और सुरक्षा उपायों का उल्लेख करता है।
- भारतीय दंड संहिता और आपराधिक प्रक्रिया संहिता: विशेष मामलों में गवाहों की सुरक्षा से संबंधित प्रावधान।
गवाहों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम
- गवाह संरक्षण योजना का प्रभावी कार्यान्वयन: पुलिस और न्यायपालिका को इस योजना को सख्ती से लागू करना चाहिए।
- गवाहों के लिए गुप्त पहचान: गवाहों के नाम, पते और पहचान को गोपनीय रखा जाना चाहिए।
- सुरक्षा उपायों का विस्तार: गवाहों को शारीरिक सुरक्षा, पुनर्वास और आर्थिक सहायता प्रदान की जानी चाहिए।
- फास्ट-ट्रैक कोर्ट का गठन: गवाहों की गवाही को जल्द से जल्द दर्ज कराकर मामलों का शीघ्र निपटारा किया जाना चाहिए।
- तकनीकी सुरक्षा उपाय: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाही देने की सुविधा दी जानी चाहिए।
निष्कर्ष
गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करना न्यायिक प्रक्रिया का एक अनिवार्य हिस्सा है। इसके बिना, निष्पक्ष न्याय प्रणाली की कल्पना नहीं की जा सकती। सरकार और न्यायपालिका को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
गवाह सुरक्षा पर आपके विचार क्या हैं? हमें कमेंट में बताएं!
Reviewed by Dr. Ashish Shrivastava
on
February 22, 2025
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