दस्तावेजी साक्ष्य से संबंधित कानूनों के बारे में विस्तार से जानें(Know in detail about the laws related to documentary evidence)

 

दस्तावेजी साक्ष्य से संबंधित कानूनों के बारे में विस्तार से जानें(Know in detail about the laws related to documentary evidence)



किसी भी कानूनी मामले में साक्ष्य (Evidence) की अहम भूमिका होती है। साक्ष्य वह माध्यम होता है जिससे अदालत किसी मामले की सच्चाई तक पहुँचती है। साक्ष्य मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं – मौखिक साक्ष्य (Oral Evidence) और दस्तावेजी साक्ष्य (Documentary Evidence)। इस लेख में हम दस्तावेजी साक्ष्य से संबंधित कानूनों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।


दस्तावेजी साक्ष्य क्या होता है?

दस्तावेजी साक्ष्य (Documentary Evidence) वे साक्ष्य होते हैं जो लिखित रूप में होते हैं और जिन्हें अदालत में प्रमाण के तौर पर प्रस्तुत किया जाता है। इसमें सरकारी रिकॉर्ड, कॉन्ट्रैक्ट, रसीदें, वसीयत, ईमेल, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड, वीडियो और अन्य लिखित प्रमाण शामिल हो सकते हैं।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 (Indian Evidence Act, 1872) की धारा 3 में दस्तावेजी साक्ष्य को परिभाषित किया गया है। इस अधिनियम के तहत, कोई भी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड जो किसी तथ्य को साबित करता हो, उसे दस्तावेजी साक्ष्य माना जाता है।


दस्तावेजी साक्ष्य के प्रकार

भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत दस्तावेजी साक्ष्य दो प्रकार के होते हैं:

1. प्राथमिक साक्ष्य (Primary Evidence) – धारा 62

  • प्राथमिक साक्ष्य वह मूल दस्तावेज होता है जिसे अदालत में सीधे प्रस्तुत किया जाता है।
  • उदाहरण: मूल कॉन्ट्रैक्ट, मूल वसीयत, सरकारी रिकॉर्ड, ऑरिजनल ईमेल या डिजिटल रिकॉर्ड।
  • अदालत में प्राथमिक साक्ष्य को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है क्योंकि यह सबसे विश्वसनीय होता है।

2. द्वितीयक साक्ष्य (Secondary Evidence) – धारा 63

  • जब प्राथमिक साक्ष्य उपलब्ध नहीं होता, तो अदालत में उसकी प्रतिलिपि या अन्य वैकल्पिक प्रमाण प्रस्तुत किए जाते हैं।
  • उदाहरण:
    • मूल दस्तावेज की प्रमाणित प्रति (Certified Copy)
    • फोटोकॉपी, माइक्रोफिल्म, प्रिंट आउट
    • गवाह द्वारा मूल दस्तावेज की सत्यापित जानकारी
    • इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड का आउटपुट (प्रिंट या सीडी)

इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000

आज के डिजिटल युग में, कई कानूनी मामलों में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य (Electronic Evidence) महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आईटी एक्ट, 2000 (IT Act, 2000) के तहत इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों को भी कानूनी मान्यता दी गई है।

इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य से जुड़े प्रमुख प्रावधान

  1. भारतीय साक्ष्य अधिनियम, धारा 65B – इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को अदालत में स्वीकार करने के लिए इसकी प्रमाणिकता का प्रमाणपत्र आवश्यक होता है।
  2. आईटी एक्ट, 2000, धारा 85B – डिजिटल सिग्नेचर वाले दस्तावेज प्रमाणिक माने जाते हैं।
  3. आईटी एक्ट, 2000, धारा 67A – इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों में डिजिटल हस्ताक्षर की सत्यता साबित करने के नियम निर्धारित हैं।

दस्तावेजी साक्ष्य की प्रमाणिकता (Authenticity of Documentary Evidence)

अदालत में किसी दस्तावेज को प्रमाण के रूप में प्रस्तुत करने के लिए उसकी प्रमाणिकता साबित करनी होती है। इसके लिए:

  • दस्तावेज पर हस्ताक्षर (Signature) की पुष्टि जरूरी होती है।
  • यदि दस्तावेज सरकारी हो, तो उसकी प्रमाणित प्रति प्रस्तुत करनी होती है।
  • डिजिटल दस्तावेजों के लिए धारा 65B के तहत प्रमाणपत्र जरूरी होता है।

दस्तावेजी साक्ष्य से जुड़े महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय

  1. State (NCT of Delhi) v. Navjot Sandhu (2005) – इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की वैधता को स्वीकार किया था।
  2. Anvar P.V. v. P.K. Basheer (2014) – इसमें कहा गया कि इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को केवल धारा 65B के अनुपालन के बाद ही स्वीकार किया जा सकता है।
  3. Arjun Panditrao Khotkar v. Kailash Kushanrao Gorantyal (2020) – सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को अदालत में स्वीकार करने के लिए 65B का प्रमाणपत्र अनिवार्य है।

निष्कर्ष

दस्तावेजी साक्ष्य किसी भी कानूनी विवाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 और आईटी अधिनियम, 2000 के तहत इन साक्ष्यों को प्रमाणिकता प्रदान करने के नियम बनाए गए हैं। अदालत में प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेजों की विश्वसनीयता और वैधता साबित करना आवश्यक होता है। खासतौर पर डिजिटल युग में, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को प्रमाणिक बनाने के लिए विशेष सावधानियां बरतनी जरूरी हैं।

यदि आप किसी दस्तावेज से संबंधित कानूनी जानकारी चाहते हैं, तो किसी कानूनी विशेषज्ञ से परामर्श करें।

दस्तावेजी साक्ष्य से संबंधित कानूनों के बारे में विस्तार से जानें(Know in detail about the laws related to documentary evidence) दस्तावेजी साक्ष्य से संबंधित कानूनों के बारे में विस्तार से जानें(Know in detail about the laws related to documentary evidence) Reviewed by Dr. Ashish Shrivastava on February 21, 2025 Rating: 5

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